आज हम इस पोस्ट में आपको ईसीजी meaning in hindi ,ecg फुल फॉर्म in hindi और ecg क्या होता है,ecg ke bare mein bataiye | इन सभी के बारे में जानकारी देने वालें हैं |
अगर आप ने भी कभी ईसीजी का नाम सुना होगा या अपना ईसीजी करवाया होगा तो आप ये जरुर जानना चाहते होंगे की ECG meaning in hindi क्या होता है और ECG full form in hindi क्या होता है ?
आप पोस्ट को अच्छे से पढ़ें ताकि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी को समझ पायें और अपने सवालों का जवाब आपको मिले |
सबसे पहले हम बात करेंगे ECG क्या होता है ?
ECG क्या होता है ?
ECG एक मेडिकल टेस्ट होता है जिसमे दिल से जुडी बीमारीयों की जाँच होती है |
ECG टेस्ट में आपके धडकनों का इलेक्ट्रिक ग्राफ बनता है जिससे ये मालूम चलता है की आपकी धडकनों की गति सही है या नही और ECG की मदद से कई बिमारिओं का भी पता करते हैं |
ECG टेस्ट का इस्तेमाल सांस के रोगियों के लिए भी किया जाता है | ECG टेस्ट की मदद से दिल के दर्द ,अधिक रक्तचाप और कई बिमारिओं का पता लगाया जा सकता है |
ECG टेस्ट आप को समय-समय पे करना चाहिए ताकि आपको अपने दिल से सम्बन्धित जानकारी मिल पाए की आपका दिल सही से काम कर रहा है या नही | अगर आपको कोई दिक्कत भी होगी तो आप उसे शुरू में ही जान लेंगे और सही से इलाज करवा लेंगे | कई बार हमे एक छोटी सी बीमारी होती है और हम उसे नजरंदाज करते हैं और वो एक भयंकर बीमारी बन जाती है इसलिए समय पे बीमारी का पता चलना बहुत जरूरी |
ECG से ये भी पता लगता है की कहीं आपके दिल को ज्यादा काम तो नही करना पड़ता और आपका दिल एक सामान्य साइज़ का है या नही और कहीं आपको दिल के दौरे का खतरा तो नही है |
इन सभी दिक्कतों में ECG आपकी मदद करता है |
ECG meaning in hindi | ECG Full Form Meaning In Hindi
हमने ECG तो कई बार सुना है लेकिन हमारे मन में एक बार ये सवाल जरुर आता है की ECG का हिंदी अर्थ क्या होता है ?
हम आपको बता दें की ECG एक शोर्ट फॉर्म है |
ECG का मतलब होता है -“इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम”
E-इलेक्ट्रो
C-कार्डियो
G-ग्राम
हमने आपको ECG का फुल फॉर्म बता दिया अब आपको इसका मतलब समझाते हैं |
जब ECG टेस्ट होता है तो ECG मशीन हमारे दिल की धडकनों का एक ग्राफ बनाती है जो की इलेक्ट्रिक गतिविधियों की वजह से बनता है इसलिए हम इसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम बोलते हैं |
ECG फुल फॉर्म in hindi
ECG – इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम
ECG क्यों करवाया जाता है ?
हमने आपको कुछ बीमारियाँ तो बता दी जिसे ECG की मदद से पता लगा सकते हैं लेकिन फिर भी ECG करवाने का असली वजह क्या होती है ?
ECG करवाने का कोई एक कारण नही है | ECG को कई चीजों को पता लगाने के लिए किया जाता है |
1.अगर आपके दिल में दर्द होता है या कोई भी परेशानी दिल में होती है तो डॉक्टर सबसे पहले आपको ECG करवाने के लिए कहते हैं |
2. ECG टेस्ट से दिल के दौरे का खतरा मालूम हो जाता है और हम उसका इलाज पहले ही कर सकतें हैं |
3.अगर आप पहले से दिल या साँस के मरीज हैं और आपका इलाज चल रहा है तो डॉक्टर ECG करवा के ये देखतें हैं की जो दवाई आप ले रहें है कहीं वो आपके दिल को नुकशान तो नही कर रही |
4. ECG से दिल में होने वाले अलग -अलग गतिविधियों का वैल्यू पता चलता है और डॉक्टर उस वैल्यू को देखते हैं की वो सामान्य है या नही |
ECG प्रकार इन हिंदी
कुछ दिक्कतें ऐसी होती हैं जिसे हम सामान्य ECG कराने से पता नही चल पातीं इसलिए ECG को भी कुछ प्रकार में अलग किया गया है |
अगर हमे कोई दिक्कत या दिल में दर्द व्यायाम करते समय होता है तो जब हम नार्मल बेड पर लेट कर ECG करवाएंगे तो हमारी दिक्कत उसमे नही आएगी और सब कुछ सामान्य लगेगा |
इसलिए ECG के प्रकार भी हैं जिसमे अलग-अलग दिक्कत को भी मालूम किया जा सकता है |
ECG के तीन प्रकार होते हैं –
1.Resting ECG
2.Ambulatory ECG
3.Stress or Exercise ECG
इन तीनो प्रकार के ECG में अलग -अलग तरीको से टेस्टिंग होती है |
1.Resting ECG – इसमें मरीज को resting पोजीशन में रख कर उसका टेस्ट करते हैं |
जो भी मरीज होगा उसे बेड पे लिटा कर उसका ECG टेस्ट करते हैं |
2.Ambulatory ECG – कई बार ऐसा भी होता है की कुछ मरीजों में symptoms हमेसा नही रहते है | उनमे symptoms कुछ समय – समय पे दिखाई देते हैं तो उस case में Ambulatory ECG का प्रयोग किया जाता है |
इसमें मरीज को एक से दो दिन के लिए मोनिटर किया जाता है और उसकी दिल की गतिविधियों को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है | इसमें मरीज के शरीर पे एक मशीन फिट की जाती है जो की बैटरी से चलती है और वो मशीन पहन कर अपने काम कर सकता है | और जब भी मरीज के अन्दर symptoms आतें है तो वो मशीन में रिकॉर्ड हो जाते हैं |
3.Stress or Exercise ECG – मैंने आपको ऊपर बताया था की कई बार ऐसा होता है की मरीज के अन्दर symptoms व्यायाम करते समय आते हैं तो उसे resting ECG में नही पता कर सकते हैं |
इसलिए stress ECG में आपको व्यायाम करने के लिए बोला जायेगा और उसी समय आपका ECG टेस्ट भी होगा |
इस टेस्ट को करने के लिए आपको ट्रेडमिल पे running करने के लिए बोला जा सकता है |
हमने आपको ECG के प्रकार बता दियें जिसमे अलग-अलग तरीको से ECG टेस्ट होता है |
ECG के फायदे इन हिंदी
अगर आप ECG रेगुलर करातें हैं तो इसके कई फायदे हैं –
1.ECG test की मदद से दिल के इलेक्ट्रिक wave की जानकारी पा सकते हैं और उसमे होने वाले प्रॉब्लम को भी पता कर सकते हैं |
2.ECG से हमे दिल की बिमारियों का पता लगता है |
3.ECG टेस्ट में आपको current महसूस नही होता ये सिर्फ wave के रूप में आपके शरीर के अन्दर जाता है |
ECG के नुकशान इन हिंदी
ECG का कोई नुकशान नही होता है लेकिन कई बार कुछ दिक्कत हो जाती है जैसे –
जब ECG टेस्ट होता है तो हमारे कुछ बॉडी पार्ट्स पे इलेक्ट्रोड लगाया जाता है तो जब ECG टेस्ट के बाद इन्हें निकला जाता है तो उस जगह पे चकते पड़ जाते हैं या शरीर वहां पे लाल हो जाती है लेकिन कुछ देर बाद ये ठीक भी हो जाता है |
जब stress ECG टेस्ट होता है तो उस समय दिल में दर्द हो सकता है क्यूंकि आप उस समय मेहनत कर रहें हैं |
ECG के कोई ज्यादा नुकशान नहीं है |
ECG के पहले क्या करना चाहिए ?
कुछ ऐसी भी बातें होती है जिसका ध्यान आपको रखना है जब आप ECG करवाने जाते हैं |
वैसे तो आप जिस डॉक्टर की सलाह से ECG करवा रहें हैं उन्होंने ये बातें बतायीं होगीं |
1.जब भी आप ECG करवाने जाते हैं तो कभी भी बॉडी लोशन या तेल अपने शरीर पे न लगा के जाएँ क्यूंकि जब ECG होता है तो आपके शरीर पे इलेक्ट्रोड लगाया जाता है और अगर आप चिकना पदार्थ लगा लेते हैं तो इलेक्ट्रोड सही से चिपक नही पायेगा |
2.जब भी आप ECG करवाने जा रहें हों तो ठंडा पानी न पियें क्यूनी उस समय ECG टेस्ट की रिपोर्ट सही नही आती |
3. अगर आप ECG करवाने जा रहे हैं तो heavy exercise ना करें |
इन सभी बातों का ध्यान आपको रखना हैं जब भी ECG करवाने जाते हैं |
ECG के दौरान क्या करना चाहिए ?
ECG एक ऐसा टेस्ट है तो की दर्द रहित हो है मतलब इस करवाते समय आपको कोई दर्द नही होगा | जैसे ही ECG टेस्ट स्टार्ट होता है वैसे ही आपको अपने बॉडी मूवमेंट को रोकने की कोशिश करनी है |
जब ECG हो रहा हो तो प्रयास करें की अपने शरीर को थोडा भी न हिलाएं ताकि ECG मशीन सही reading बता सके |
ECG टेस्ट करते वक़्त आपके शरीर पे इलेक्ट्रोड लगाया जायेगा जो की wire की मदद से ECG मशीन से जुड़ा होगा लेकिन आप चिंता न करें इसमें कोई भी करंट आपको नही लगेगा |
ECG टेस्ट की फ़ीस ?
अगर हम बात करें ECG के फीस की तो यह आपके जान से बढकर नही है क्यूंकि आपके लिए सबसे जरूरी होना चाहिए आपका स्वस्थ शरीर |
ECG टेस्ट का फीस कई जगहों पे अलग – अलग होता है लेकिन एक अनुमान से बताया जाये तो यह करीब 300-500 rs तक होती है |
ECG रिजल्ट in hindi
ECG टेस्ट के रिजल्ट की बात करें तो ये normal होगा या abnormal होगा |
लेकिन रिपोट में ऐसे normal या abnormal नही लिखा आता ये मैंने आपको समझाने के लिए लिखा है |
अगर आपकी रिपोर्ट नार्मल है तो इसका मतलब आपको दिल की बीमारी या कोई दिल से सम्बन्धित समस्या नही है |
लेकिन हो सकता है की कोई ऐसी बीमारी हो जिसे ECG ने डिटेक्ट नही किया हो तो आप डॉक्टर की परामर्श जरुर लें |
अगर आपकी ECG रिपोर्ट abnormal आती है तो आप डॉक्टर से संपर्क करें ताकि आपको बेहतर सहायता मिल पाए |
क्या ECG रिपोर्ट गलत हो सकती है ?
कई लोगों का यही सवाल था तो हमने एक डॉक्टर से बात की और उन्होंने ये बताया की ECG कभी – कभी गलत हो सकता है | इसमें एलेक्ट्रोकार्डियो ग्राफ में कुछ थोड़े बहुत बदलाव हो सकते हैं जो की दिल की बीमारीयों से सम्बन्धित नही है |
निष्कर्ष-
हमने इस पोस्ट में आपको ECG का फुल फॉर्म क्या होता है ?,ECG क्या है ,ECG मीनिंग इन हिंदी इन सभी के बारे में जानकारी दी हैं | उम्मीद करते हैं की पोस्ट भुत हेल्पफुल होगी हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है की आपको सही जानकारी मिल पाए | अगर आपको कोई समस्या हो या अपनी राय देना चाहतें हों तो हमे कमेंट करके बताएं |
हमारे द्वारा दी गयी जानकारी –
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